उमीदों के इस सागर में,
तैरना आसान नहीं।
आशाओं की ऊँची लहरें हैं,
इच्छाओं का तेज़ तूफ़ान,
कामयाबी अगर पानी है,
तो जाना हैं उस पार।
हर पल मौसम बदल जाता हैं,
पलट जाए हर इंसान।
उम्मीद किसीसे मत रखना,
सहारा किसी का मत लेना।
सब लहरों के ऊपर से,
तूफानों के अंदरसे,
जाना होगा उस पार,
बाकी सब नावों में हैं,
में किनारे खड़ा हैरान,
अब तो हिम्मत करले यारा,
हारे हुए का नहीं कोई यार।
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